अयं निजः परो वेति गणना लघुचेतसाम् ।
उदारचरितानां तु वसुधैव कुटुम्बकम् |

यह अपना बन्धु है और यह अपना बन्धु नहीं है, इस तरह की गणना छोटे चित्त वाले लोग करते हैं। उदार हृदय वाले लोगों की तो (सम्पूर्ण) धरती ही परिवार है।

One is a relative, the other stranger, say the small minded. The entire world is a family, live the magnanimous.

Welcome to Vasudhaiva Kutumbkam

मैं अब्दुल समद (शाह सुल्तान समद) भारतीय प्रशासनिक सेवा का सदस्य हूँ। भारतीय प्रशासनिक सेवा का सदस्य एवं भारतीय होने के नाते मुझे अपने पर गर्व होता है। भारत भूमि में जन्म लेकर मैं धन्य हो गया हूँ। विष्णु पुराण के अनुसार “धन्य हैं वे लोग जो भारत भूमि में पैदा हुए हैं। भारत भूमि स्वर्ग से भी बढ़कर है, क्योंकि यहाँ स्वर्ग के साथ-साथ मोक्ष की भी साधना होती है। देवता भी स्वर्ग का सुख भोग लेने के बाद मोक्ष की साधना के हेतु भारत में पुनः जन्म लेते हैं।

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